मेरे दादा की प्रतिमा भी रिज पर लगे, वो भी तीन बार के मुख्यमंत्री थे- रोहित ठाकुर
सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यह कहकर अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था कि उनके पिता की प्रतिमा लगाने के लिए सरकार ने रिज पर दो गज जमीन नहीं दी। मगर अब रिज की जमीन पर सुक्खू कैबिनेट के एक और मंत्री ने अपना दावा ठोंक दिया है।
शिमला। शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने आज इस बात का खुलासा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि ऐतिहासिक रिज मैदान पर और मूर्तियां स्थापित नहीं होनी चाहिए। इस जगह को म्यूजियम नहीं बनाया जा सकता। ख़ैर, ये बात काफी पुरानी है मगर आज इसकी चर्चा इस वजह से हो रही है क्योंकि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा को जमीन ना मिलने का विवाद इन दिनों प्रदेश में गरमाया हुआ है।
विक्रमादित्य सिंह के बाद रोहित ठाकुर ने भी उठाई मांग
सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यह कहकर अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था कि उनके पिता की प्रतिमा लगाने के लिए सरकार ने रिज पर दो गज जमीन नहीं दी। मगर अब रिज की जमीन पर सुक्खू कैबिनेट के एक और मंत्री ने अपना दावा ठोंक दिया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि यदि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा एतिहासिक रिज मैदान पर लग ही रही है तो ऐसे में हिमाचल के 3 बार के मुख्यमंत्री ठाकुर रामलाल यानि के उनके दादा की प्रतिमा भी रिज पर लगाई जानी चाहिए। हालांकि, रोहित ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह व्यक्तिगत रूप से रिज पर कोई भी प्रतिमा स्थापित करने के पक्ष में नहीं हैं।
कौन थे ठाकुर रामलाल ?
आपको बता दें कि ठाकुर रामलाल तीन बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं और आंध्र प्रदेश के 12वें गवर्नर के पद पर भी रह चुके हैं। अपने राजनैतिक जीवन में ठाकुर रामलाल ऐसे अकेले मुख्यमंत्री है उन्होंने 9 बार विधानसभा चुनाव जीता और जिंदगी में कभी कोई चुनाव भी नहीं हारा। जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री से अन्य पूर्व मुख्यमंत्री तक सभी को कभी न कभी चुनाव में हार मिली है।
गौर रहे कि सुक्खू सरकार ने विक्रमादित्य सिंह को मनाने के लिए यह तय किया कि ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मगर इसके बावजूद भी अब तक सुक्खू सरकार के ऊपर से सियासी संकट के बादल नहीं टले हैं।